भाजपा सांसद रवि किशन की बेटी इशिता शुक्ला ने अपने पिता के फ़ूटस्टेप में चलते हुए डिफेंस में शामिल होने का निर्णय लिया है। यह खबर सोशल मीडिया पर तेजी से प्रसारित हुई है और लोग रवि किशन और उनकी बेटी इशिता को बधाई दे रहे हैं। इशिता शुक्ला की उम्र मात्र 21 साल है और वह इच्छुक हैं कि वह भारतीय सेना में सेवा करें। इशिता ने पहले ही इस साल के गणतंत्र दिवस परेड में भाग लिया था और एनसीसी की ओर से हिस्सा लिया था। रवि किशन ने इस अवसर पर ट्वीट करके अपनी खुशी जताई थी।

रवि किशन ने एक ट्वीट में लिखा था, “मुझे मेरी बेटी पर गर्व है, जो गणतंत्र दिवस परेड में कड़ी मेहनत करके भाग लिया है।” उन्होंने बताया कि इशिता दिल्ली डायरेक्टरेट की ‘7 गर्ल बटालियन’ की कैडेट हैं। इशिता के अलावा, रवि किशन के और तीन बच्चे भी हैं – रीवा, तनिष्क

और सक्षम। रीवा अपने पिता की तरह एक्टिंग करके करियर बनाना चाहती हैं। उन्होंने फिल्म मेकिंग और एक्टिंग की ट्रेनिंग ली है और अमेरिका में एक्टिंग की पढ़ाई की है। उन्होंने नसीरुद्दीन शाह के प्ले ग्रुप में एक साल तक हिस्सा रखा है। सक्षम और तनिष्क अभी तक स्टडीज में हैं और अपने शिक्षा को पूरा करने में व्यस्त हैं।

रवि किशन, जो 53 साल के हैं, अपने भोजपुरी गानों के लिए मशहूर हैं और हिंदी और तेलुगू सिनेमा में एक लोकप्रिय चेहरा हैं। उन्होंने कई फिल्मों में काम किया है, जैसे ‘फिर हेरा फेरी’, ‘वेलकम टू सज्जनपुर’, ‘मुक्काबाज’, ‘किक 2’ आदि। उन्होंने भी कई हिट प्रोजेक्ट्स में अपनी मुख्य भूमिकाएं निभाई हैं। वे ओटीटी पर भी देखे जाते हैं।

रवि किशन की बेटी इशिता शुक्ला की डिफेंस में शामिल होने की खबर सेना और देश के लिए गर्व का कारण बन गई है।

“रवि किशन की बेटी इशिता शुक्ला: अपने पिता के पथ पर डिफेंस में शामिल होकर गर्व के पल”

जब इशिता शुक्ला ने दिल्ली डायरेक्टरेट की ‘7 गर्ल बटालियन’ की कैडेट के रूप में शामिल होने की इच्छा जाहिर की, तो इससे पहले उन्होंने पहले से ही राष्ट्रीय कैडेट कोर (National Cadet Corps, NCC) के तहत तैनाती ली थीं। उन्होंने 26 जनवरी की परेड में भी हिस्सा लिया था, जहां वे एनसीसी की ओर से शामिल हुए थे। इससे पहले भी उन्होंने कडेट के रूप में सेना की कठिनाइयों का सामना किया है और अपनी सामरिक तैयारी में मेहनत की है।

इशिता शुक्ला की डिफेंस में शामिल होने की खबर सोशल मीडिया पर भी बड़े ही उत्साह और गर्व के साथ स्वागत की गई। लोग ट्विटर और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर उन्हें बधाई दे रहे थे और उनकी साहसिकता और दृढ़ता की प्रशंसा कर रहे थे। यह उन्हें देश के युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत के रूप में उभराने का एक माध्यम भी बना रहा है।

रवि किशन ने अपने ट्वीट में लिखा, “मेरी प्यारी बेटी इशिता, तुम्हारे डिफेंस में शामिल होने पर मैं अत्यंत गर्व महसूस कर रहा हूँ। तुमने स्वयं को एक सशक्त और साहसिक महिला के रूप में साबित किया है। तुम्हारी मेहनत, संयम, और निष्ठा देखकर मुझे और भी गर्व हो रहा है। तुम्हारा यह कदम देश के सेना में सेवा करने के लिए अद्वितीय और सराहनीय है। बेटी, तुम अपने पिता की प्रेरणा हो और देश के लिए एक सच्चे नागरिक के रूप में अग्रसर होने पर मैं गर्व महसूस कर रहा हूँ। शुभकामनाएं और आशीर्वाद हमेशा तुम्हारे साथ हैं।”

इस ट्वीट के साथ ही, रवि किशन ने अपनी बेटी के सामरिक यात्रा पर जितनी खुशी और गर्व जाहिर की, उससे स्पष्ट होता है कि उन्हें बेटी इशिता की सेना में योगदान के प्रति गहरा आदर और सम्मान है। इशिता की युवा उम्र में ही सेना में शामिल होने का यह कदम उनके परिवार के लिए एक गर्व की बात है और साथ ही देशभक्ति की प्रतीक है।

“इशिता शुक्ला: एक प्रेरणास्रोत और देशभक्ति की प्रतीक”

इशिता शुक्ला, रवि किशन की बेटी, एक प्रेरणास्रोत और देशभक्ति की प्रतीक के रूप में प्रमुख बन चुकी है। उनका डिफेंस में शामिल होना और सेना में सेवा करना उनके जीवन के इस महत्वपूर्ण पथ पर एक महत्वपूर्ण कदम है।

इशिता की इस पहल के पीछे देशभक्ति और सेवा की उच्चतम भावना है। उन्होंने अपनी मेहनत, संयम और निष्ठा के माध्यम से अपने सपनों को पूरा करने के लिए प्रयास किया है। इशिता ने अपने पिता की प्रेरणा के अनुसार आगे बढ़ते हुए, अपनी क्षमताओं को विकसित करते हुए सेना में सम्मान और सेवा का एक उदाहरण स्थापित किया है।

इशिता के सामरिक यात्रा में हिस्सा लेना और उसने गणतंत्र दिवस परेड में भाग लेना देशभक्ति के प्रतीक के रूप में एक महत्वपूर्ण पहचान साबित किया है। इन सभी कार्यों के माध्यम से, इशिता दूसरों के लिए एक प्रेरणा स्रोत बन गई हैं, विशेष रूप से महिलाओं के लिए जो सेना में अपनी सेवा करने की मार्गदर्शा चाहती हैं।

इच्छा और इशिता की प्रगति से प्रेरित होकर, देशभक्ति और सेवा के माध्यम से उन्होंने अपने अस्तित्व को साबित किया है। उनके सामरिक योगदान और ताकतवर पुरुषों के साथ समानाधिकार संबंधी आपसी संवाद ने देशभक्ति और मानवीय संघर्ष के मूल्यों को प्रतिष्ठित किया है।

इशिता शुक्ला की सेना में शामिल होने से उनके पिता रवि किशन को गर्व महसूस हो रहा है। उनके परिवार ने सेना के माध्यम से राष्ट्र सेवा करने का एक उदाहरण स्थापित किया है। यह इशिता की साहसिकता, दृढ़ता और संघर्ष की कहानी है जो नई पीढ़ी को प्रेरित करती है।

इशिता शुक्ला के माध्यम से हमें यह याद दिलाया जाता है कि देशभक्ति का जीवन एक निरंतर संघर्ष है। यह हमें स्वयं को समर्पित करने की प्रेरणा देता है और हमें सेवा के महत्व को समझाता है। इशिता की उपलब्धियों और उनकी अनछुई उद्यमशीलता ने हमें यह सिखाया है

“इशिता शुक्ला: युवा सेनानी और समाजसेवी का प्रतीक”


इशिता शुक्ला, एक युवा सेनानी और समाजसेवी, एक प्रतीक हैं जो न केवल अपने परिवार को गर्व महसूस कराती हैं, बल्कि पूरे देश को प्रेरित भी करती हैं। उनकी सामरिक दृढ़ता, सेवाभाव, और सामाजिक संघर्ष के प्रतीक रूप में उन्हें एक अद्वितीय स्थान प्राप्त हुआ है।

इशिता ने अपनी सेना में शामिल होने की इच्छा व्यक्त की है और उन्होंने अपने संघर्ष में दृढ़ता और समर्पण का परिचय दिया है। वे देशभक्ति और सेवाभाव के उदाहरण के रूप में सेना में अपना योगदान देने का फर्ज निभा रही हैं। उनके समर्पण का मान्यता पाने के लिए, वे सख्ती से अपनी तैयारी में जुटी हैं और सेना की उच्चतम मानकों को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत कर रही हैं।

इशिता की सामाजिक सेवा में भी एक महत्वपूर्ण योगदान है। वह सामाजिक और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों की मदद करने के लिए सक्रिय रूप से संगठनों में शामिल हैं। उनकी सेवा में विद्यार्थी

और वृद्धों को सम्मिलित करके वे समाज के प्रति अपनी ज़िम्मेदारी को पूरा करने के लिए संघर्ष करती हैं। वह गरीबी से पीड़ित लोगों के लिए खाद्य, शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य सामाजिक सुविधाओं की पहुंच सुनिश्चित करने के लिए कार्य करती हैं। उनका उद्देश्य समाज में ज्योति की तरह रोशनी फैलाना है और सभी लोगों को उच्चतम स्तर की जीवनस्तर की गारंटी देना है।

इशिता शुक्ला के प्रति लोगों का सम्मान और प्रशंसा का मान बढ़ता जा रहा है। उनके सामरिक साहस, देशभक्ति, सेना में भरोसा, और समाजसेवा में उनकी योगदान को सलाम किया जाता है। वह एक प्रेरणा स्रोत हैं, जो आगे बढ़ने वाली पीढ़ी को देशसेवा, देशभक्ति, और सामाजिक उपयोगिता के महत्व को समझाती है।

इशिता शुक्ला के जरिए हमें यह याद दिलाता है कि युवा शक्ति देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। वह एक सशक्त, समर्पित, और संघर्षशील युवा हैं .