हाल ही में, गुजरात और महाराष्ट्रा राज्यों को चक्रवाती तूफान बिपरजॉय की चेतावनी दी गई है। इस तूफान का जून के मध्याह्न तक गुजरात के कच्छ और द्वारका इलाके में पहुंचने का अनुमान है। इसके प्रभाव से मुंबई में भी तेज हवाओं और ऊँची लहरों की संभावना है। इस संदर्भ में, भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने तूफान बिपरजॉय के बारे में नवीनतम अपडेट जारी किया है।

चक्रवात विज्ञानकार डॉ. मृत्युंजय महापात्र ने इस तूफान के साथ आने वाली भारी बारिश की चेतावनी दी है। उनके अनुसार, इस तूफान के लैंडफॉल के समय 125-135 किलोमीटर प्रति घंटे से 150 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलेंगी। आज, कच्छ, द्वारका, पोरबंदर, जामनगर, राजकोट, जूनागढ़ और गिर-सोमनाथ में 65-75 से 85 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने की संभावना

इन क्षेत्रों में अधिकतर स्थानों पर अच्छी बारिश की संभावना है और इसका आंकड़ा सामान्य से अधिक हो सकता है। इसे ध्यान में रखते हुए, जनता को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।

डॉ. मृत्युंजय महापात्रा ने बताया कि चक्रवाती तूफान बिपरजॉय का केंद्रभूत स्थान पोरबंदर से 350 किलोमीटर और द्वारका से 290 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। अनुमान के मुताबिक, इस तूफान का तट से टकराने का समय 15 जून को शाम को होगा और इसकी रफ्तार 125-135 किलोमीटर प्रति घंटा तक हो सकती है।

इसके अलावा, डॉ. मृत्युंजय महापात्रा ने बताया कि तूफान जखाउ वन्यजीव अभयारण्य से 280 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, हालांकि पिछले 6 घंटे से तूफान की गति में ढील हो रही है। यह इसके आगे की दिशा की संकेत देता है। लेकिन लैंडफॉल की दिशा में अभी तक कोई बदलाव नहीं हुआ है। तूफान की लैंडफॉल तारीख 15 जून की शाम को होने की उम्मीद है .

“चक्रवाती तूफान बिपरजॉय: आईएमडी के अनुसार खतरे की घंटी बजी, गुजरात के द्वारका-कच्छ को हो सकती है तबाही”

चक्रवाती तूफान बिपरजॉय आगे बढ़ रहा है और गुजरात के द्वारका-कच्छ क्षेत्र में तबाही की संभावना है। आईएमडी के अनुसार, तूफान का केंद्रभूत स्थान पोरबंदर से 350 किलोमीटर और द्वारका से 290 किलोमीटर की दूरी पर है। तूफान की रफ्तार लगभग 125-135 किलोमीटर प्रति घंटा हो सकती है और इसकी लैंडफाल शाम के समय 15 जून को होने की उम्मीद है।

इस तूफान के आने से पहले ही, डॉ. मृत्युंजय महापात्रा ने भारी बारिश और तेज हवाओं की चेतावनी दी है। वह बताते हैं कि तूफान के आगमन के समय वायुमंडलीय दबाव के कारण तेज हवाएं 150 किलोमीटर प्रति घंटा तक चल सकती हैं। इसके प्रभाव से कच्छ, द्वारका, पोरबंदर, जामनगर, राजकोट, जूनागढ़ और गिर-सोमनाथ जैसे क्षेत्रों में हवा की गति 65-75 से 85 किलोमीटर प्रति घंटा तक हो सकती है।

तूफान बिपरजॉय के कारण देवभूमि द्वारका में भारी बारिश की संभावना है। उन्होंने कहा कि कच्छ, पोरबंदर, राजकोट, मोरबी और जूनागढ़ जिलों में भी बारिश की संभावना है और यहां पर्याप्त मात्रा में वर्षा हो सकती है। चक्रवाती तूफान बिपरजॉय का केंद्रीय बिंदु पोरबंदर से 350 किलोमीटर और द्वारका से 290 किलोमीटर की दूरी पर है। तूफान की रफ्तार लगभग 125-135 किलोमीटर प्रति घंटा होगी और अनुमानों के मुताबिक यह 15 जून को शाम के समय तट से टकराएगा।

आईएमडी के महानिदेशक मृत्यंजय महापात्रा ने बताया कि तूफान बिपरजॉय अभी जखाउ पोर्ट से 280 किलोमीटर दूर है, लेकिन उसकी गति पिछले 6 घंटों से धीमी हो रही है। इससे स्पष्ट हो रहा है कि तूफान की दिशा में बदलाव हो सकता है। तूफान की लैंडफाल में अभी तक कोई परिवर्तन नहीं हुआ है और यह अपेक्षित है कि यह 15 जून की शाम को होगी।

प्रशासनिक तैयारी और लोगों के सुरक्षा के लिए नीतियों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।

तूफान बिपरजॉय के आसार बढ़ते हुए, स्थानीय प्रशासन और संबंधित अधिकारियों ने प्रशासनिक तैयारी को मजबूत किया है और लोगों की सुरक्षा के लिए आवश्यक नीतियों का पालन करने की दिशा में कड़ी कार्रवाई की जाएगी। सरकारी विभागों, निगमों और राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियों ने एकजुटता से कार्रवाई करने के लिए अपनी तैयारियों को बढ़ाया है ताकि वे आपातकालीन स्थितियों का सामना कर सकें।

प्रशासनिक तैयारी में, लोगों को सतर्क रहने, सुरक्षित स्थानों पर जाने और आवश्यक सामग्री जैसे पानी, खाद्य सामग्री, दवाओं, बैटरी, और फ्लैशलाइट जैसे आपूर्ति को तैयार रखने की सलाह दी जाती है। संगठन के साथी और अधिकारियों के बीच संचार को बढ़ावा दिया जाता है ताकि आवश्यक सहायता और समर्थन पहुंच सके।

लोगों की सुरक्षा के लिए, अधिकारियों ने जनता को तूफान से पहले और उसके दौरान सुरक्षा के नियमों और दिशानिर्देशो

लोगों को तूफान के प्रकोप से बचने के लिए आपातकालीन सेवाओं का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है, जैसे कि हेल्पलाइन नंबर या तत्परता में स्थानीय सरकारी दफ्तरों का सहयोग। लोगों को अपडेटेड होल्डिंग और नवीनतम सूचना को प्राप्त करने के लिए समय-समय पर मौजूदा सूचना के स्रोतों का उपयोग करने की सलाह दी जाती है।

इसके अलावा, नीतियों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। संबंधित अधिकारियों और सुरक्षा एजेंसियों ने खतरनाक होने वाले क्षेत्रों में सख्ती से प्रशासनिक नियमों की पालना के लिए नजर रखने का आदेश दिया है। यह सुनिश्चित करने के लिए है कि लोग अपनी सुरक्षा के लिए सही स्थानों पर हैं और नियमों का पालन कर रहे हैं। यदि किसी व्यक्ति ने नीतियों का उल्लंघन किया है, तो उसे कानूनी कार्रवाई का सामना करना होगा।

अपडेटेड तूफान सुरक्षा नियमों और दिशानिर्देशों का पालन करें

अपडेटेड तूफान सुरक्षा नियमों और दिशानिर्देशों का पालन करना आपकी सुरक्षा के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह नियम और दिशानिर्देश आपको तूफान के प्रकोप से बचाने और आपकी सुरक्षा की गारंटी प्रदान करने में मदद करेंगे। यहां कुछ महत्वपूर्ण नियम और दिशानिर्देश दिए जाते हैं जिन्हें आपको अपडेटेड तूफान सुरक्षा के साथ पालन करना चाहिए:

  1. वैद्युतिक सुरक्षा: तूफान के प्रकोप के समय वैद्युतिक सुरक्षा का ध्यान रखें। अपडेटेड बिजली कटौती के समय अविलंब बिजली की आपूर्ति को बंद करें और उपयुक्त वैद्युतिक सुरक्षा उपकरणों का उपयोग करें।
  2. निवास स्थान: तूफान के प्रकोप से पहले अपने निवास स्थान की सुरक्षा की जांच करें। इसमें खुली जगहों में आवास करने से बचें और कमरे में अच्छे ढंग से बंद होने वाली कमरे की तरह सुरक्षा प्रदान करने वाले स्थानों का चयन करें।
  3. आपके पास कम से कम तीन दिन के लिए पानी, खाद्य आइटम और अन्य जरूरी सामग्री की आपूर्ति होनी चाहिए। इसके अलावा, कृपया खाद्य सामग्री को अपडेटेड और निरापद रखने के लिए स्थानीय अनुरोधों का पालन करें।
  4. रेडियो और संचार माध्यम: तूफान के दौरान संचार माध्यम की आपूर्ति का सुनिश्चित करें। रेडियो, मोबाइल फोन और उपलब्ध अन्य संचार माध्यमों का उपयोग करके अपडेटेड सूचनाएं प्राप्त करें। स्थानीय प्रशासन द्वारा जारी की गई चेतावनीयों और निर्देशों का पालन करें।
  5. आपातकालीन संचार साधन: आपातकालीन संचार साधनों को तैयार रखें। यह शामिल हो सकते हैं वैद्युतिक सामग्री, बैटरी बैकअप रेडियो, फ्लैशलाइट और मोबाइल चार्जर। इन सामग्रियों को आपके पास होना चाहिए ताकि आप आपातकालीन संचार कर सकें और जरूरत के समय संपर्क में रह सकें।