Sadguru Brahmeshananda Acharya SwamijiSadguru Brahmeshananda Acharya Swamiji

शिकागो: Sadguru Brahmeshanand Acharya Swami – विभिन्न धर्मों के प्रतिनिधियों के बीच एकता और सद्भावना का संदेश देने के लिए आज शिकागो में विश्व धर्म संसद में प्रमुख आध्यात्मिक गुरु सद्गुरु ब्रह्मेशानंद आचार्य स्वामीजी का संबोधन हुआ। इस संघटन में धार्मिक समरसता, शांति और सहयोग की महत्वपूर्णता को उजागर किया गया है.*

विश्व धर्म संसद 2023 का उद्घाटन आध्यात्मिक गुरु सद्गुरु ब्रह्मेशानंद आचार्य स्वामीजी के संबोधन से हुआ, जो आत्मा की ऊँचाइयों में समृद्धि और आत्मज्ञान की महत्वपूर्णता पर बल दिया। उन्होंने कहा, “धर्मों के अंतर्निहित सिद्धांतों में हमारी एकता और सामंजस्य की शक्ति है, जो हमें एक-दूसरे के साथ और उनके धर्म की समझ में शृद्धान और समर्पण की दिशा में आग्रहित करती है।”

ब्रह्मेशानंद स्वामीजी ने इस संसद को धर्मों के बीच सहयोग और समरसता की मिसाल के रूप में प्रस्तुत किया, जहाँ विभिन्न धर्मों के प्रतिनिधियों ने एक साथ आकर एकता की महत्वपूर्णता को साबित किया। उन्होंने यह भी दिखाया कि धर्म के नाम पर नहीं, बल्कि धर्म के मूल उद्देश्य – मानवता की सेवा और उनके बीच समरसता को बढ़ावा देने का होना चाहिए।

विश्व धर्म संसद 2023 के माध्यम से ब्रह्मेशानंद स्वामीजी ने सभी को आत्मा की शांति और आत्मज्ञान की दिशा में प्रेरित किया है, जो समाज में सद्भाव, सहयोग, और प्रेम की महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उनके संबोधन से हर कोई एक साथ आकर धर्मों के मूल मूल्यों को समझने और उन्हें अपने जीवन में अमल करने के प्रति प्रेरित हुआ।

पूज्य स्वामीजी के साथ, जैन धर्म गुरु लोकेश मुनिजी – संस्थापक अध्यक्ष अहिंसा विश्व भारती, जगद्गुरु दिलीप कुमार थक्कप्पनजी – मास्टर ऑफ इंटरफेथ, राजराजेश्वर गुरुजी – सिद्धाश्रम शक्ति केंद्र – लंदन-यूके, महर्षि पूज्य गोस्वामी सुशीलजी – दिल्ली-भारत, युवाचार्य अभयदासजी महाराज – राजस्थान , भाई साहिब सतपाल सिंह खालसा – सिख धर्म के राजदूत राष्ट्रपति, शांति दूत डॉ. बिन्नी सरीन – ग्लोबल इनिशिएटिव फॉर पीस एंड वेलबीइंग के संस्थापक – माउंट आबू, नामदेव जाधव, लेखक और अंतर्राष्ट्रीय प्रेरक वक्ता – पुणे भारत कई प्रतिनिधियों को विश्व धर्म संसद में आमंत्रित प्रतिभागी हैं।

दि. १७ अगस्त को पूज्य स्वामीजी विश्व धर्म संसद को “विश्व शांति का अंतिम मार्ग – आध्यात्मिकता” विषय पर संबोधित करेंगे। गुरुमाता एडवोकेट ब्राह्मीदेवीजी – अध्यक्ष सत्गुरु फाउंडेशन, भारत और डॉ. स्वप्निल नागवेकर – अध्यक्ष इंटरनेशनल सद्गुरु फाउंडेशन – यूएई काउंसिल इस समानांतर सत्र के लिए पैनलिस्ट होंगे