महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे द्वारा किए गए ‘जमालगोटा’ वाले बयान पर एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने आलोचना की है और उन्हें इसके बारे में बात करने के लिए उत्साहित किया है। महाराष्ट्र के राजनीतिक माहिर और एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने पुणे में पत्रकारों के सामने एक बातचीत के दौरान इस विषय पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने एकनाथ शिंदे के द्वारा किए गए बयान को निशाना बनाया है।

मुख्यमंत्री शिंदे ने अपने बयान में कहा कि विपक्षी दलों ने संसद भवन के उद्घाटन समारोह का बहिष्कार किया है और इसके कारण प्रदर्शनकारियों को दुख हो रहा है। उन्होंने कहा, “विरोधियों को जनता जमालगोटा देगी।” शिंदे ने इसके अलावा भी विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा, “कुछ लोगों ने नमक पत्थर फेंकने की कोशिश की।”

शरद पवार ने इस बयान

पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “जो उन्हें सूट करता है, उसके बारे में बात करना उचित नहीं है।” शरद पवार ने इस बयान से अपनी नाराजगी जताई है और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की आलोचना की है।

इसके अलावा, शरद पवार ने संसद भवन के उद्घाटन समारोह को लेकर अपनी नाराजगी व्यक्त की है। उन्होंने कहा, “देश में अब जो हो रहा है वह अलोकतांत्रिक है। संसद भवन बनाने का फैसला लेते समय हमारे बारे में विचार नहीं किया गया।” उन्होंने यह भी प्रश्न उठाया कि क्या समारोह केवल सीमित समूहों के लिए था और क्या विपक्षी दलों को निमंत्रण दिया गया था। पवार ने कहा, “मुझे नहीं पता कि विपक्षी दल के सदस्यों को आमंत्रित किया गया है या नहीं। मुझे निमंत्रण नहीं मिला है। लेकिन मुझे नहीं पता कि यह दिल्ली में मेरे घर भेजा गया है या नहीं। लेकिन मैंने नहीं भेजा है।

“महाराष्ट्र: शरद पवार के नाराजगी के बाद, एकनाथ शिंदे के ‘जमालगोटा’ बयान पर चर्चा”

कनाथ शिंदे के ‘जमालगोटा’ बयान ने महाराष्ट्र राज्य में राजनीतिक बहस को उच्चारित कर दिया है। उनके इस वक्तव्य ने न केवल विपक्षी दलों को आलोचना की है, बल्कि एक सीनियर राजनेता और नेता शरद पवार के आपत्तिजनक निशाने भी बन गया है। इस विवादित बयान के पश्चात शरद पवार ने अपनी नाराजगी व्यक्त की है और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की आलोचना की है।

एकनाथ शिंदे, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री, ने संसद भवन के उद्घाटन समारोह को लेकर अपनी चिंता व्यक्त की, और उन्होंने कहा, “आज के कार्यक्रम से प्रदर्शनकारियों के पेट में दर्द हो रहा है। विरोधियों को जनता जमालगोटा देगी।” उन्होंने इसके अलावा कार्यक्रम का बहिष्कार कर रहे विपक्ष पर निशाना साधा और कहा, “कुछ लोगों ने नमक पत्थर फेंकने की कोशिश की।”

हाल ही में पुणे में पत्रकारों के साथ बातचीत करते हुए, शरद पवार ने एकनाथ शिंदे के ‘जमालगोटा’ बयान पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, “जो उन्हें सूट करता है, उसके बारे में बात करना उचित नहीं है।” इससे स्पष्ट होता है कि शरद पवार ने शिंदे के बयान को व्यक्तिगत आक्षेपित किया है और इसे राजनीतिक समर्थन की दृष्टि से अनुचित बताया है।

इस विवाद के बीच, महाराष्ट्र में राजनीतिक दलों के बीच टकराव बढ़ रहा है। शरद पवार के नाराज होने का संकेत, उनके वक्तव्यों में स्पष्ट होता है, जहां उन्होंने कहा, “देश में अब जो हो रहा है वह अलोकतांत्रिक है। संसद भवन बनाने का फैसला लेते समय हमारे बारे में विचार नहीं किया गया।” उन्होंने इसके अलावा पूछा कि क्या समारोह केवल सीमित समूहों के लिए था और अपने निमंत्रण के अभाव में उन्हें अपने घर नहीं बुलाया गया है।

शरद पवार के नाराजगी के बाद, एकनाथ शिंदे के ‘जमालगोटा’ बयान पर चर्चा

महाराष्ट्र राज्य में एकनाथ शिंदे के ‘जमालगोटा’ बयान के बाद राजनीतिक बहस की चर्चा छिड़ गई है। इस बयान ने विपक्षी दलों को ही नहीं, बल्कि नेता शरद पवार को भी निशाना बनाया है। इस विवादित बयान के पश्चात शरद पवार ने अपनी नाराजगी व्यक्त की है और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की आलोचना की है।

एकनाथ शिंदे, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री, ने संसद भवन के उद्घाटन समारोह के दौरान अपनी चिंता व्यक्त की है, जहां उन्होंने कहा, “आज के कार्यक्रम से प्रदर्शनकारियों के पेट में दर्द हो रहा है। विरोधियों को जनता जमालगोटा देगी।” उन्होंने इसके अलावा कार्यक्रम का बहिष्कार कर रहे विपक्ष पर निशाना साधा और कहा, “कुछ लोगों ने नमक पत्थर फेंकने की कोशिश की।”

संगठनों के साथ बातचीत में, शरद पवार ने एकनाथ शिंदे के ‘जमालगोटा’ बयान पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, “जो उन्हें सूट करता है, उसके बारे में बात करना उचित नहीं है।” इससे स्पष्ट होता है कि शरद पवार ने शिंदे के बयान को व्यक्तिगत आक्षेपित किया है और इसे राजनीतिक समर्थन की दृष्टि से अनुचित बताया है।

महाराष्ट्र में यह विवाद राजनीतिक दलों के बीच टकराव को बढ़ा रहा है। शरद पवार के नाराज होने का संकेत, उनके वक्तव्यों में स्पष्ट होता है, जहां उन्होंने कहा, “देश में अब जो हो रहा है वह अलोकतांत्रिक है। संसद भवन बनाने का फैसला लेते समय हमारे बारे में विचार नहीं किया गया।” उन्होंने इसके अलावा पूछा कि क्या समारोह केवल सीमित समूहों के लिए था और अपने निमंत्रण के अभाव में उन्हें अपने घर नहीं बुलाया गया है।

शरद पवार और एकनाथ शिंदे के बीच तनाव: राजनीतिक दलों में बढ़ती खींचतान

महाराष्ट्र के राजनीतिक मंच पर शरद पवार और एकनाथ शिंदे के बीच एक तनाव की घटना देखी जा रही है। यह तनाव उनके बयानों और प्रतिक्रियाओं के माध्यम से सार्वजनिक रूप से व्यक्त हो रहा है। दोनों नेताओं के बीच के इस विवाद की वजह संसद भवन के उद्घाटन समारोह को लेकर बिगड़ते संबंध और पार्टी की राजनीतिक दृष्टि से अलग-थलग के मुद्दे हैं।

शरद पवार, एनसीपी के अध्यक्ष और अनुभवी राजनेता, ने संसद भवन के उद्घाटन समारोह को लेकर अपनी नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि उद्घाटन समारोह का फैसला लेने के समय उनके बारे में सोचा नहीं गया और यह नागरिक लोकतंत्र के खिलाफ होने वाली एक गंभीर चाल थी। इसके अलावा, उन्होंने पूछा कि क्या इस समारोह को सीमित लोगों के लिए ही आयोजित किया गया था और क्या उन्हें इसमें शामिल किया गया था।