2025 में उड़ान भरेगा Tejas Mk 2, अमेरिका से हुए डील के चलते भारत में बनेगा 90% पार्ट, जानें कितने विमानों का होगा निर्माणचंडीगढ़। लड़ाकू विमान के इंजन के लिए भारत और अमेरिका के बीच हुए समझौते का लाभ तेजस मार्क टू (Tejas Mk 2) विमान को मिलेगा। इंजन की तलाश में इस विमान को तैयार करने का प्रोजेक्ट काफी लेट चल रहा था। पिछले दिनों पीएम नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान भारत और अमेरिका के बीच फाइटर जेट के इंजन के लिए समझौता हुआ। इसके अनुसार अमेरिकी कंपनी जनरल इलेक्ट्रिक अपने F414 इंजन को भारत में बनाएगी। इसके लिए कंपनी भारत की सरकारी कंपनी HAL (Hindustan Aeronautics Limited) के साथ पार्टनरशिप करेगी।

जनरल इलेक्ट्रिक का F414 इंजन मिलने से पहला तेजस एमके 2 विमान 2025 में उड़ान भरेगा। यह जानकारी प्रभुल्ला चंद्रन वीके ने चंडीगढ़ में एक कार्यक्रम के दौरान दी। प्रभुल्ला चंद्रन HAL की एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (एडीए

एवियोनिक्स और हथियार प्रणालियों के निदेशक हैं। एडीए स्वदेशी लड़ाकू विमान के डिजाइन के लिए बनी नोडल एजेंसी है।

तेजस एमके 2 विमान तेजस की तुलना में बड़ा और भारी होगा। इसके इंजन की तलाश हो रही थी। पहले फ्रांस और ब्रिटिश रोल्स रॉयस इंजन को इस विमान में लगाने पर विचार किया जा रहा था। तेजस भारत का स्वदेशी फाइटर जेट है, लेकिन भारत के पास वर्तमान में फाइटर जेट का इंजन बनाने की क्षमता नहीं है। इसके चलते इंजन दूसरे देशों से खरीदे जा रहे हैं। स्वदेशी फाइटर जेट इंजन कावेरी पर काम चल रहा है, लेकिन यह अभी विमान में लगाए जाने के लिए तैयार नहीं हुआ है।

प्रभुल्ला चंद्रन ने बताया कि करीब 200 तेजस एमके 2 विमानों का निर्माण किया जाएगा। भारत में इंजन बनाए जाने के बाद तेजस एमके 2 में लगने वाला 90 फीसदी पार्ट भारत में बना होगा।

विमानों का संख्या और भारतीय तकनीकी सामरिक उन्नति को ध्यान में रखते हुए भारतीय वायुसेना ने 2025 में तेजस एमके 2 के उद्घाटन की योजना की है। इस महत्वपूर्ण कदम से भारत अपने लड़ाकू युद्धप्रवेशक क्षमता को मजबूत करेगा और आत्मनिर्भरता के माध्यम से विश्वस्तरीय रणनीतिक तंत्रों के विकास में आगे बढ़ेगा।

तेजस एमके 2 विमान भारतीय लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA) कार्यक्रम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह विमान तेजस मार्क 1 (Tejas Mk1) के अपग्रेडेड रूप में विकसित किया जा रहा है। तेजस एमके 2 विमान का डिज़ाइन पूरी तरह से तेजस मार्क 1 से अलग होगा, जिससे इसकी संभावितता और क्षमता में मजबूती होगी।

इस विमान के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान के लिए भारत और अमेरिका के बीच एक समझौता हुआ है।

स्वदेशी तकनीक से सुसज्जित होने वाला उड़ानभरा लड़ाकू विमान

भारतीय वायुसेना के लिए एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में, तेजस एमके 2 एक स्वदेशी तकनीक से सुसज्जित होने वाला उड़ानभरा लड़ाकू विमान है। इस विमान का निर्माण चंडीगढ़ के भारतीय एयरक्राफ्ट निर्माणीकर्ता, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) में होगा। भारतीय और अमेरिकी कंपनियों के बीच हुए समझौते के परिणामस्वरूप, तेजस एमके 2 विमान को अमेरिकी कंपनी General Electric (GE) द्वारा विकसित F414 इंजन प्रयोग करेगा। इसके साथ ही, भारतीय कंपनी HAL और GE के बीच एक साझा कार्यक्रम की शुरुआत होगी।

तेजस एमके 2 विमान के निर्माण के लिए लक्ष्यित प्रमुख अंक हैं। भारत में इंजनों का निर्माण होने के बाद, इस विमान का 90% पार्ट स्वदेशी रूप से बनाया जाएगा। इसका मतलब है कि उद्यमी और तकनीशियों को भारत में रोजगार का अवसर मिलेगा, साथ ही स्थानीय उद्योगों को विकास का मौका मिलेगा।

विमान होगा जो अपनी शक्ति, गतिविधि और युद्ध क्षमता में मार्क-1 संस्करण की तुलना में बड़ा और भारी होगा। तेजस एमके 2 विमान उच्च अवधि के मिशन के लिए तैयार होगा और विभिन्न युद्ध प्रणालियों को संभालने की क्षमता रखेगा।

इस विमान के अंदरीकरण में, स्वदेशी तकनीकों का विस्तार होगा। उदाहरण के लिए, इसे लैटेस्ट रडार तकनीक, उन्नत हथियार संगठन और अन्य उच्च गुणवत्ता वाली इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टमों से लैस किया जाएगा। इसके साथ ही, एक महत्त्वपूर्ण गुणांक है कि तेजस एमके 2 विमान का डिजाइन पूरी तरह से तेजस मार्क-1 के डिजाइन से अलग होगा, जिससे यह अधिक लड़ाकू क्षमता, बढ़ी हथियार प्रणाली और परवानगी रखेगा।

विमान एक्सपोर्ट की दिशा में “Make in India” कार्यक्रम का एक महत्वपूर्ण पहलू होगा

विमान एक्सपोर्ट की दिशा में “Make in India” कार्यक्रम का एक महत्वपूर्ण पहलू होगा। भारत की योजना है कि विदेशी वायुसेनाओं को तेजस एमके 2 विमान की खरीदारी के लिए प्रोत्साहित किया जाए। यह उद्योग को स्थानीय विदेशी मार्केटों में बढ़ावा देगा और देश को आर्थिक रूप से मजबूती प्रदान करेगा। इसके साथ ही, भारतीय वायुसेना के लिए एक सुरक्षित, उच्च गुणवत्ता वाला और तकनीकी रूप से प्रगतिशील विमान प्राप्ति का मार्ग खुलेगा।

यह योजना भारतीय वायुसेना की ताकत को मजबूत करेगी और देश की रक्षा योग्यता को बढ़ाएगी। इसके साथ ही, भारत विमान उद्योग को वैश्विक विमान निर्माण उद्योग के मान्यता प्राप्त केंद्र बनाने का लक्ष्य रखेगा। तेजस एमके 2 विमान अपने प्रभावशाली क्षमता और स्वदेशी तकनीक के कारण देश को गर्व महसूस कराएगा और भारत को ग्लोबल उड़ानभरा उद्योग में एक महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त होगा।

स्वदेशी तकनीक से सुसज्जित होने वाला उड़ानभरा लड़ाकू विमान तेजस एमके 2 देश के बाहर भी महत्वपूर्ण योगदान देगा। यह विमान विदेशी वायुसेनाओं के लिए एक आकर्षक विकल्प होगा जिसे वे अपनी आवश्यकताओं के अनुसार अपना सकेंगे। इससे भारत के विमान उद्योग को विदेशी बाजारों में मौजूदा और नए ग्राहकों के लिए एक बड़ा मौका मिलेगा। विमान एक्सपोर्ट के माध्यम से, देश को विदेशी मुद्रा कमाने का अवसर मिलेगा और निर्माण क्षेत्र में नौकरियों की सृजन होगी।

तेजस एमके 2 के उद्योगीकरण से भारत में विमान निर्माण क्षमता और तकनीकी अभियांत्रिकी क्षमता में मजबूती आएगी। यह उद्योग उन्नत और प्रगतिशील तकनीकों का उपयोग करके नवीनतम विमानों के निर्माण में अग्रणी बनेगा। इसके साथ ही, उद्योग में कौशल और विशेषज्ञता के स्तर का उन्नति होगी और उच्चतर शिक्षा और अनुसंधान को बढ़ावा मिलेगा।

उद्योग का नेतृत्व करने वाला होगा।

तेजस एमके 2 के स्वदेशी तकनीक से निर्मित होने का मतलब होगा कि यह विमान भारतीय वैज्ञानिकों और अभियांत्रिकों द्वारा विकसित और निर्माण किया गया है। इससे देश का आत्मनिर्भरता और विदेशों के प्रति आत्मविश्वास मजबूत होगा। विमान की उन्नत तकनीक, वायुसंचार और सुरक्षा सुविधाओं के साथ, इसका डिजाइन एवं अद्यतन करने का क्षमता भी विदेशों पर निर्भरता कम करेगी।

तेजस एमके 2 के साथ भारत अपने रक्षा क्षेत्र में मजबूती का संकेत देगा। इस लड़ाकू विमान की उच्च सुरक्षा और तटस्थता क्षमता देश को अपनी सीमाओं की सुरक्षा में मदद करेगी। इसके विशेषज्ञता क्षेत्र के अलावा, तेजस एमके 2 विमान भूमि के ऊपरी विमानन और विमान-विमान संघर्ष में भी अपनी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। यह विमान देश की रक्षा तंत्र को गहराई से प्रभावित करेगा और उसे एक विश्वस्तरीय शक्ति के रूप में मान्यता

तेजस एमके 2 विमान के स्वदेशी तकनीक से युक्त होने के कारण, देश को बाहरी दबावों और संघर्षों से अधिक स्वतंत्रता मिलेगी। इस विमान की वायुसेना के लिए महत्वपूर्ण लाभ होंगे, क्योंकि यह उन्हें उनकी आवश्यकताओं के अनुसार तकनीकी सुविधाएं और संदर्भों के साथ पूरी करेगा। यह विमान युद्ध क्षेत्र में अद्यतित और प्रभावी होने के साथ-साथ विमान निर्माण उद्योग को भी प्रोत्साहित करेगा। इससे विमान निर्माण क्षेत्र में नौकरियां बढ़ेंगी और अर्थव्यवस्था को वृद्धि मिलेगी।

तेजस एमके 2 विमान भारतीय विमान उद्योग के लिए गर्व का विषय होगा। इसका निर्माण देश में ही होने से विमान निर्माण क्षमता और तकनीकी अभियांत्रिकी क्षमता में सुधार होगा। इससे अन्य देशों के साथ तकनीकी सहयोग और भागीदारी की संभावनाएं भी बढ़ेंगी।