भारत के वैश्विक संकट में अग्रणीता: विदेश मंत्री एस जयशंकर के डीयू कॉलेज संवाद

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने हाल ही में नरेंद्र मोदी सरकार के नौ साल पूरे होने पर दिल्ली विश्वविद्यालय का दौरा किया। उन्होंने डीयू के आर्यभट्ट कॉलेज के छात्रों से बातचीत की और मोदी सरकार की उपलब्धियों को गिनाया। इस मौके पर विदेश मंत्री ने बताया कि मोदी सरकार के कार्यकाल में देश में तेजी से विकास हुआ है और अब दुनिया भारत को आर्थिक सहयोगी के रूप में देख रही है।

उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्रों को समय दिया और उनके सवालों का जवाब दिया। एक छात्र ने कैसे G20 की अध्यक्षता भारत को एक वैश्विक शक्ति बनाने में मदद कर सकती है यह सवाल पूछा। जयशंकर ने उत्तर देते हुए कहा, “रूस-यूक्रेन युद्ध और कोविड के बाद दुनिया के देशों के बीच तीव्र संघर्ष हुआ है। लोगों का मानना है कि नरेंद्र मोदी जैसा कोई व्यक्ति सभी देशों

एक साथ लाने में सक्षम होगा।” इससे स्पष्ट होता है कि विदेश मंत्री जयशंकर भारत के नेतृत्व को ग्लोबल मंचों में महत्वपूर्ण बनाने के पक्ष में हैं।

विदेश मंत्री जयशंकर ने अपने संवाद कार्यक्रम में भारत की गणतंत्र, शिक्षा, कोविड-19 महामारी, तकनीकी विकास, और वैश्विक संकटों के प्रयासों पर भी चर्चा की। उन्होंने भारत की जी20 पहल की महत्वता पर भी बात की और इसके माध्यम से भारत को वैश्विक शक्ति बनाने के लिए समर्पण दिखाया।

जयशंकर ने कहा कि भाजपा की ‘सबका साथ, सबका विकास’ नीति भारत की विदेश नीति का अहम हिस्सा है। वह बताते हैं, “लोग हम पर भरोसा करते हैं, दुनिया सोचती है कि इस प्रधानमंत्री ने कोविड के दौरान हमारी मदद की और जी20 के दौरान हमारी बात सुनी।” इससे पता चलता है कि देशभक्ति और विश्वव्यापी सहयोग के माध्यम से भारत वैश्विक मंच पर आगे बढ़ रहा है।

भारत की गणतंत्र, शिक्षा, कोविड-19 और वैश्विक संकट: विदेश मंत्री एस जयशंकर के डीयू कॉलेज संवाद

विदेश मंत्री एस जयशंकर द्वारा डीयू कॉलेज में आयोजित संवाद में भारत की गणतंत्र, शिक्षा, कोविड-19 महामारी, और वैश्विक संकटों पर चर्चा हुई। इस संवाद में छात्रों ने विभिन्न मुद्दों पर सवाल पूछे और विदेश मंत्री ने उनके सवालों का जवाब दिया। इस अद्वितीय संवाद के दौरान जयशंकर ने भारत की विदेश नीति, महत्वपूर्ण उपलब्धियों, और देश के वैश्विक मंच पर अवदान के बारे में भी चर्चा की।

एक महत्वपूर्ण मुद्दा गणतंत्र का था, जिसमें विदेश मंत्री ने बताया कि भाजपा की ‘सबका साथ, सबका विकास’ नीति गणतंत्र के मूल आदर्शों के साथ मेल खाती है। उन्होंने बताया कि भारत एक विभिन्नताओं का मेलबन्द देश है और गणतंत्र के माध्यम से सभी नागरिकों को समानता, स्वतंत्रता, और अवसर प्रदान किए जाते हैं। इससे भारत विश्व में एक महत्वपूर्ण और सशक्त राष्ट्र के रूप में पहचाना जाता है।

ई और विदेश मंत्री ने बताया कि शिक्षा भारतीय समाज के विकास और प्रगति का महत्वपूर्ण स्तम्भ है। उन्होंने छात्रों से कहा कि शिक्षा के माध्यम से हम न केवल ज्ञान को प्राप्त करते हैं, बल्कि यह हमें आत्मविश्वास, समय के मूल्य, और सामाजिक जवाबदेही की महत्वपूर्ण मुद्दों को समझने में भी मदद करती है। उन्होंने शिक्षा के माध्यम से उच्चतम मानकों की प्राप्ति और विचारशीलता को समर्पित करने की आवश्यकता बताई।

कोविड-19 महामारी के संबंध में भी सवाल पूछा गया और विदेश मंत्री ने बताया कि भारत कोविड-19 महामारी के समय वैश्विक स्तर पर सहयोग का अद्वितीय उदाहरण बना। उन्होंने कहा कि भारतीय सरकार ने देशी वैक्सीन विकसित करने के लिए प्रयास किए और इसका परिणामस्वरूप भारत दुनिया के अन्य देशों को भी वैक्सीन आपूर्ति में मदद करने के लिए सक्षम हुआ। उन्होंने छात्रों से कहा कि यह उदाहरण दिखाता है कि भारत के अग्रणीता, वैज्ञानिक क्षमता

भारत के वैश्विक संकट में अग्रणीता: विदेश मंत्री एस जयशंकर के डीयू कॉलेज संवाद

विदेश मंत्री एस जयशंकर के डीयू कॉलेज संवाद के तीसरे अध्याय में, विदेश मंत्री ने भारत के वैश्विक संकट में अग्रणीता पर विचार किए। उन्होंने बताया कि भारत एक महत्वपूर्ण वैश्विक खिलाड़ी है और देश ने विभिन्न दृष्टिकोणों से अपना प्रभाव प्रदर्शित किया है।

विदेश मंत्री ने बताया कि भारत ने अपने विदेश नीति में सकारात्मक परिवर्तन किए हैं और आपसी सहयोग, आपूर्ति श्रृंखला, व्यापारिक संबंध और वैज्ञानिक अनुसंधान क्षेत्र में गहरा सहयोग बढ़ाया है। वे बताते हैं कि भारत की प्रतिष्ठा विश्व में बढ़ती जा रही है और देश को विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मंचों पर एक प्रमुख भूमिका दी जा रही है।उन्होंने यह भी दिखाया कि भारत वैश्विक मामलों में अपना विचारधारा जोर दे रहा है और सामान्य मानवीय मुद्दों पर भी अपनी बात

रहा है। विदेश मंत्री ने बताया कि भारत वैश्विक स्तर पर वातावरणीय मुद्दों, मानवीय अधिकारों, आतंकवाद, साइबर सुरक्षा, ग्लोबल गवर्नेंस, और वैज्ञानिक अनुसंधान में भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। वह भारत की सक्रिय भूमिका की बात करते हुए दुनिया में अपनी पहचान बना रहा है।

विदेश मंत्री ने छात्रों को प्रेरित किया कि वे अपनी शिक्षा को आगे बढ़ाकर, ग्लोबल नजरिए से सोचकर, और समस्याओं का समाधान ढूंढकर भारत के वैश्विक संकट में अपनी भूमिका निभाएं। वे बताते हैं कि युवा पीढ़ी भारत के उच्चतम मानकों, अपार ज्ञान और नवाचार के साथ अपनी भूमिका को स्थापित कर सकती है।

इस संवाद के माध्यम से विदेश मंत्री एस जयशंकर ने छात्रों को महत्वपूर्ण संदेश दिए और भारत की गणतंत्र, शिक्षा, कोविड-19 महामारी, और वैश्विक संकटों पर विचार विमर्श किया। इस संवाद ने छात्रों को संघर्षों के सामरिक, वैज्ञानिक,

छात्रों के लिए उद्यम, उद्योग, और रोजगार: विदेश मंत्री एस जयशंकर के डीयू कॉलेज संवाद

विदेश मंत्री एस जयशंकर के डीयू कॉलेज संवाद के चौथे अध्याय में, विदेश मंत्री ने छात्रों के लिए उद्यम, उद्योग, और रोजगार के महत्वपूर्ण मुद्दे पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि वर्तमान समय में युवाओं के लिए नए रोजगार के माध्यमों का निर्माण करना महत्वपूर्ण है।

विदेश मंत्री ने व्यापारिक उद्योगों, स्टार्टअप्स, और नवाचारियों के प्रति आग्रह किया और उन्हें विभिन्न सरकारी योजनाओं के तहत आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने छात्रों को स्वयंसेवी बनने, नए विचारों को अपनाने, और नये रोजगार के लिए नवीनतम तकनीकों का उपयोग करने का संकेत दिया।

विदेश मंत्री ने युवाओं से उद्यमिता की महत्वपूर्णता पर बल दिया और उन्हें आत्मनिर्भर बनने के लिए तैयार होने का प्रेरणा दिया। उन्होंने बताया

उद्यमिता के माध्यम से नए रोजगार के अवसर बना सकते हैं और अपने व्यापारी या उद्योगी क्षेत्र में स्वयं को स्थापित कर सकते हैं। वे छात्रों को संघर्षों का सामरिक मोड़ देकर, रिस्क लेने की क्षमता विकसित करने का संकेत देते हैं।

विदेश मंत्री ने इस संवाद के माध्यम से छात्रों को समय के साथ बदलते रोजगार के परिवर्तनों के साथ समर्थ होने की आवश्यकता बताई। वे बताते हैं कि नए रोजगार के क्षेत्र में तकनीकी अद्यतन, नवीनतम कौशलों की प्राप्ति, और आवश्यकतानुसार विद्यार्थीयों के रचनात्मक सोच को मजबूत करना महत्वपूर्ण है।

इस संवाद के माध्यम से विदेश मंत्री एस जयशंकर ने छात्रों को व्यापारिक उद्योग, स्टार्टअप्स, और नवाचार के माध्यम से उद्यमिता और रोजगार के अवसरों के महत्व को समझाया। उन्होंने छात्रों को समय के साथ चलने, तकनीकी अपडेट पर ध्यान देने,