ओडिशा में हुई ट्रेन दुर्घटना में रेलवे सुरक्षा आयुक्त ने ट्रेन चालक गुणनिधि मोहंती और उनके सहायक हजारी बेहेरा के बयान दर्ज किए हैं। यह दुर्घटना भारत की इस सदी में सबसे घातक रेल दुर्घटनाओं में से एक है, जिसमें 275 यात्रियों की मौत हुई है और लगभग 1,200 यात्री घायल हुए हैं। दोनों चालकों को अस्पताल में इलाज किया जा रहा है और उनकी स्थिति स्थिर है।

इस दुर्घटना में दोनों ट्रेन चालकों को दोषी ठहराने का दावा नहीं किया जा सकता है, क्योंकि वे रेलवे नियमों के अनुसार ट्रेन चला रहे थे। रेलवे सुरक्षा आयुक्त ने इस मामले में दोनों चालकों के बयान दर्ज करके जांच शुरू की है।

यह दुर्घटना ओडिशा के बालासोर जिले में हुई थी, जहां दोनों ट्रेन चालकों को कोरोमंडल एक्सप्रेस नामक ट्रेन से निकाला गया था। इस दुर्घटना में बहुत सार

यात्रियों को नुकसान पहुंचा है और अभी तक इसकी वजह स्पष्ट नहीं हुई है। हालांकि, विस्तृत जांच के बाद ही इसकी सटीक वजह सामने आ सकती है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय के तहत रेलवे सुरक्षा आयुक्त द्वारा की जाने वाली जांच में यह समस्या समझने की कोशिश की जा रही है।

इस दुर्घटना के बाद ट्रेनों के चालकों के परिवारों ने लोगों से उनकी निजता का सम्मान करने और उन्हें शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ होने की अपील की है। यह मानवीय संवेदना की बात है कि उन्होंने दोनों चालकों को दुर्घटना के लिए दोषी नहीं ठहराया जाना चाहिए, क्योंकि वे अपना काम नियमों के अनुसार कर रहे थे।

यह घटना हमें यह दिखा रही है कि रेल सुरक्षा और यात्रियों की सुरक्षा पर और ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है। दुर्घटनाओं की अधिकता के पीछे कई कारण हो सकते हैं, जैसे लंबे काम करने के घंटे, तनाव, तकनीकी खराबी आदि। इसलिए, रेलवे प्रशासन को इन मुद

ओडिशा ट्रेन दुर्घटना: चालकों के बयान दर्ज, परिवारों ने अपील की स्वास्थ्य के लिए

भुवनेश्वर, पांच जून (भाषा) – ओडिशा में हुई ट्रेन दुर्घटना में चालकों के बयान दर्ज किए गए हैं। रेलवे सुरक्षा आयुक्त (सीआरएस) ने ट्रेन चालक गुणनिधि मोहंती और उनके सहायक हजारी बेहेरा के द्वारा दी गई बयानों को संग्रहित किया है। इस दुर्घटना में दोनों चालक घायल हो गए थे और वर्तमान में उन्हें भुवनेश्वर के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में इलाज मिल रहा है।

ट्रेन दुर्घटना का हादसा दो जून को बाहानगा बाजार के पास हुआ था, जिसमें 275 यात्रियों की मौत हो गई और लगभग 1,200 यात्री घायल हुए। इस दुर्घटना में चालकों के साथ-साथ यात्रियों के भी कई लोगों को चोटें आई हैं।

चालकों के परिवार ने अपनी अपील में दर्शाया है कि वे दुर्घटना के लिए दोषी नहीं हैं, क्योंकि वे रेल नियमों के अनुसार ट्रेन चला रहे थे।

ने दावा किया है कि चालकों के साथ हुई दुर्घटना में अन्य अवधियों के कई कारकों का भी महत्व है। इसके पहले रेल मंत्रालय ने चालकों को इस मामले में ‘क्लीन चिट’ दे दी थी, जिससे साफ जाहिर होता है कि उन्हें किसी अपराध के लिए जिम्मेदार ठहराने का कोई आरोप नहीं है।

ट्रेन दुर्घटना के बाद से ही संबंधित अधिकारियों ने जांच की प्रक्रिया शुरू की है। दक्षिण पूर्व रेलवे (एसईआर) के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी (सीपीआरओ) आदित्य चौधरी ने बताया कि रेलवे सुरक्षा आयुक्त ने ट्रेन दुर्घटना की जांच के लिए बयानों को दर्ज किया है। इससे पहले भी रेलवे बोर्ड ने बालासोर ट्रेन हादसे की सीबीआई जांच की सिफारिश की है।

हालांकि, हादसे की सटीक वजह का पता लगाने के लिए विस्तृत जांच की आवश्यकता है। इस बीमार रेलवे सिस्टम में कई फैक्टर्स शामिल हो सकते हैं, जिनमें लंबे समय तक काम करने के घंटे और संबंधित तनाव भी शामिल हो सकते है

ट्रेन दुर्घटना के मुद्दे पर परिवारों ने स्वास्थ्य के लिए अपील की

भुवनेश्वर, पांच जून (भाषा) – ओडिशा में हुई ट्रेन दुर्घटना के बाद, पीड़ित परिवारों ने अपनी अपील में स्वास्थ्य के लिए सहायता मांगी है। वे दावा कर रहे हैं कि दुर्घटना में घायल हुए लोगों को शीघ्रता से उचित चिकित्सा सेवा और समर्थन की जरूरत है। इसके अलावा, उन्होंने यह भी अनुरोध किया है कि उन्हें मनोबल और आर्थिक मदद भी प्रदान की जाए।

दुर्घटना में घायल हुए चालकों के परिवारों ने बताया है कि इस आपदा के कारण उनकी आर्थिक स्थिति मजबूती से प्रभावित हुई है। वे अपने घायल परिवार सदस्यों की चिकित्सा और उनकी उपचार खर्चों के लिए अधिकांश धनराशि खर्च कर चुके हैं। इसके अतिरिक्त, उनके मनोबल को भी धकेलने वाली इस दुर्घटना के चलते वे अपने आर्थिक संकट में और भी दब गए हैं।

पीड़ित परिवारों ने सरकारी अधिकारियों से अपील की है

ने आवश्यक मदद और सहायता प्रदान की जाए। उन्होंने विशेष रूप से चिकित्सा सेवाओं की व्यवस्था की मांग की है, ताकि घायल परिवार सदस्यों को स्वास्थ्य सुविधाओं तक पहुंच मिल सके। इसके साथ ही, उन्होंने मानसिक समर्थन की भी मांग की है, जो दुर्घटना के पश्चात उनके द्वारा अनुभव किए जा रहे तनाव को समझने और सामरिक समस्याओं का सामना करने में मदद करेगा।

परिवारों ने अपनी अपील में आर्थिक सहायता की भी मांग की है। वे बता रहे हैं कि दुर्घटना के कारण उनकी आर्थिक स्थिति कमजोर हो गई है और अपने परिवारों की देखभाल और उनकी आर्थिक जरूरतों को पूरा करने में संकट आ रहा है। उन्होंने सरकार से आर्थिक सहायता योजनाओं की अधिक उपयोगिता की मांग की है ताकि परिवारों को उचित मदद और समर्थन प्रदान किए जा सकें।

इस दुर्घटना के बाद सरकारी अधिकारियों के द्वारा परिवारों के मामले की जांच और उन्हें सहायता प्रदान करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं।

सरकारी अधिकारियों द्वारा पीड़ित परिवारों के मामले की जांच और सहायता

भुवनेश्वर, पांच जून (भाषा) – ओडिशा में हुई ट्रेन दुर्घटना के बाद, सरकारी अधिकारियों ने पीड़ित परिवारों के मामले की जांच करने और उन्हें सहायता प्रदान करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। दुर्घटना में घायल हुए यात्रियों और चालकों के परिवारों को आर्थिक, चिकित्सा, और मानसिक समर्थन की जरूरत है।

सरकारी अधिकारियों ने दुर्घटना के पश्चात पीड़ित परिवारों की आर्थिक स्थिति की जांच करने का निर्णय लिया है। इसके लिए आवश्यकतानुसार विशेष टीमें गठित की गई हैं, जो परिवारों के आर्थिक दस्तावेजों की समीक्षा करेंगी। उन्हें उचित आर्थिक सहायता और अनुदानों के बारे में जानकारी देने का भी काम किया जाएगा।

इसके साथ ही, पीड़ित परिवारों को चिकित्सा सेवाओं की व्यवस्था भी प्रदान की जाएगी। सरकारी अस्पतालों और चिकित्सा संस्थानों में विशेष टीमें तै

यात्रियों और चालकों के परिवारों की सेवा करेंगी और उन्हें आवश्यक चिकित्सा संबंधी सहायता प्रदान करेंगी। इसके लिए, विशेषज्ञ चिकित्सा कर्मी और नर्सिंग स्टाफ भी तैनात किए जाएंगे ताकि दुर्घटना के पीड़ितों को उचित इलाज और समर्थन मिल सके।

मानसिक समर्थन की दृष्टि से भी, सरकारी अधिकारियों ने मनोवैज्ञानिकों को शामिल किया है जो पीड़ित परिवारों को मानसिक समस्याओं से निपटने में मदद करेंगे। यह मानसिक समस्याओं का सामना करने वाले यात्रियों और चालकों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि ऐसे घटनाओं का मानसिक प्रभाव उन पर लंबे समय तक रहता है।

सरकारी अधिकारियों की इस पहल का मकसद है कि पीड़ित परिवारों को संबलता और सहायता प्रदान की जाए ताकि वे इस कठिन समय में अपने स्वास्थ्य और आर्थिक मुद्दों का सामना कर सकें। सरकारी अधिकारियों ने इस मामले को गंभीरता से लिया है