प्रयागराज, दिनांक: 11 अगस्त 2023 – माफिया ब्रदर्स अतीक और अशरफ की हत्या के मामले में, जिसमें 15 अप्रैल को उन्हें गोलियों से घातक रूप से घायल किया गया था, तीनों शूटरों पर आवश्यक आरोप तय नहीं किए जा सके हैं। यह निर्णय प्रयागराज की जिला कोर्ट द्वारा लिया गया है।

तीनों शूटर्स – लवलेश तिवारी, सनी सिंह और अरुण मौर्या, आज प्रयागराज की जिला कोर्ट में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े थे। एसआईटी ने इन तीनों शूटरों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी और उन्हें हत्या के आरोप में लिया था।

शूटरों ने अपनी बचाव के रूप में कहा कि अभी तक कोई वकील कोर्ट में पेश नहीं हुआ है और उन्हें वकील पेश करने का मौका देने की मोहलत दी जानी चाहिए। उन्होंने अपने पक्ष की सुरक्षा के लिए इस मांग की थी। कोर्ट ने इस अनुरोध को मानते हुए तीनों शूटरों को 16 अगस्त तक वकील प्रस्तुत करने का समय दिया है।

इस मामले में, शूटर्स को ‘आक्रामक’ बताया जा रहा है, और पुलिस के मुताबिक उनका उद्देश्य प्रसिद्धि प्राप्त करना और पैसे कमाना था। यहाँ तक कि हमलावरों का संबंध पश्चिमी यूपी और दिल्ली के गोगी और सुंदर भाटी गिरोह जैसे आपराधिक गुटों से भी जोड़ा गया है।

माफिया अतीक और अशरफ की हत्या के मामले में उन्होंने पुलिस के सामने सरेंडर किया था और उन्हें अस्पताल ले जाया गया था, लेकिन उनकी हालत गंभीर थी और वे बचाव के बाद गुजरने वाले दिनों में गुजर गए।

इस मामले में तीनों शूटरों पर आरोप तय नहीं हो सके हैं, लेकिन कोर्ट द्वारा दी गई मोहलत के बावजूद यह मामला अब भी सजाए जाने की प्रक्रिया में है।

माफिया ब्रदर्स के हत्या मामले में तीनों शूटरों पर आरोप अब भी संदिग्ध

प्रयागराज, दिनांक: 11 अगस्त 2023 – माफिया ब्रदर्स अतीक और अशरफ की हत्या के मामले में तीनों शूटरों पर आवश्यक आरोप तय नहीं किए गए हैं। यह निर्णय प्रयागराज की जिला कोर्ट द्वारा लिया गया है।

तीनों शूटरों – लवलेश तिवारी, सनी सिंह और अरुण मौर्या, आज प्रयागराज की जिला कोर्ट में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े थे। एसआईटी ने इन तीनों शूटरों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी और उन्हें हत्या के आरोप में लिया था।

शूटरों ने अपनी बचाव के रूप में कहा कि अभी तक कोई वकील कोर्ट में पेश नहीं हुआ है और उन्हें वकील पेश करने का मौका देने की मोहलत दी जानी चाहिए। उन्होंने अपने पक्ष की सुरक्षा के लिए इस मांग की थी। कोर्ट ने इस अनुरोध को मानते हुए तीनों शूटरों को 16 अगस्त तक वकील प्रस्तुत करने का समय दिया है।

इस मामले में, शूटरों को ‘आक्रामक’ बताया जा रहा है, और पुलिस के मुताबिक उनका उद्देश्य प्रसिद्धि प्राप्त करना और पैसे कमाना था। यहाँ तक कि हमलावरों का संबंध पश्चिमी यूपी और दिल्ली के गोगी और सुंदर भाटी गिरोह जैसे आपराधिक गुटों से भी जोड़ा गया है।

माफिया अतीक और अशरफ की हत्या के मामले में उन्होंने पुलिस के सामने सरेंडर किया था और उन्हें अस्पताल ले जाया गया था, लेकिन उनकी हालत गंभीर थी और वे बचाव के बाद गुजरने वाले दिनों में गुजर गए।

इस मामले में तीनों शूटरों पर आरोप तय नहीं हो सके हैं, लेकिन कोर्ट द्वारा दी गई मोहलत के बावजूद यह मामला अब भी सजाए जाने की प्रक्रिया में है। इसका अंगिकार केवल समाचार की सूचना के रूप में किया गया है और किसी भी प्रकार की निंदा, समर्थन या आपत्ति का आदान-प्रदान नहीं किया गया है।*

शूटरों के बराबरी के दिन: माफिया ब्रदर्स हत्या मामले में कोर्ट का निर्णय

प्रयागराज, दिनांक: 11 अगस्त 2023 – माफिया ब्रदर्स अतीक और अशरफ की हत्या के मामले में तीनों शूटरों के खिलाफ आवश्यक आरोप तय नहीं किए गए हैं, जबकि कोर्ट ने इन शूटरों को अगले सप्ताह तक वकील प्रस्तुत करने का समय दिया है। इस निर्णय का मात्र खण्डित आरोपी या उनके पक्ष की रक्षा तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह कुछ अद्वितीय प्रश्नों को उजागर कर सकता है।

कोर्ट की मोहलत:

तीनों शूटरों ने अपने बचाव में यह मांग की कि उन्हें अब तक कोर्ट में पेश नहीं किया गया है और उन्हें एक वकील के साथ मोहलत दी जानी चाहिए ताकि वे अपना पक्ष प्रस्तुत कर सकें। कोर्ट ने उनकी इस मांग को स्वीकारते हुए उन्हें अगले सप्ताह तक का समय दिया है। यह निर्णय उनके न्यायिक हक की सजीवता को मान्यता देता है, जो सबके लिए समान और न्यायपूर्ण प्रक्रियाओं की पालन की गारंटी होती है।

क्या यह एक स्थायी बदलाव की दिशा है?

इस निर्णय से स्पष्ट होता है कि कोर्ट ने शूटरों के अधिकारों की प्राथमिकता को महत्वपूर्ण माना है, लेकिन यह सवाल भी उठाता है कि क्या इससे न्यायपालिका में एक स्थायी बदलाव की दिशा में कदम बढ़ रहा है। क्या यह एक नया परिप्रेक्ष्य का संकेत है, जहाँ आरोपियों के अधिकारों की सुरक्षा का प्राथमिकता से विचार किया जा रहा है?

निष्कर्ष:

कोर्ट द्वारा दी गई मोहलत के निर्णय से प्रकट होता है कि न्याय प्रक्रिया में एक सामर्थ्य और समर्पण का संकेत हो सकता है। यह निर्णय सिर्फ आरोपियों के हक की सुरक्षा तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह एक सुनिश्चितता का संकेत भी हो सकता है कि न्यायपालिका उच्चतम मानकों का पालन कर रही है और समान न्याय के मानकों का पालन करने के लिए समर्पित है।

क्या इस निर्णय में छुपी है माफिया ब्रदर्स के हत्या मामले की अधिक सच्चाई?

क्या इस निर्णय में छुपी है माफिया ब्रदर्स के हत्या मामले की अधिक सच्चाई – वकीलों के द्वारा उठाए गए प्रश्नों की ओर इशारा?

प्रयागराज, दिनांक: 11 अगस्त 2023 – कोर्ट द्वारा तीनों शूटरों के खिलाफ आरोप तय नहीं किए जाने के निर्णय में क्या एक अधिक महत्वपूर्ण सवाल का पर्दाफाश है? क्या वकीलों ने इस निर्णय के माध्यम से माफिया ब्रदर्स के हत्या मामले की अधिक सच्चाई की तरफ संकेत किया है?

आरोपी शूटरों की मांग:

तीनों शूटरों ने अपने बचाव में यह मांग की कि उन्हें अब तक कोर्ट में पेश नहीं किया गया है और उन्हें एक वकील के साथ मोहलत दी जानी चाहिए ताकि वे अपना पक्ष प्रस्तुत कर सकें। कोर्ट ने उनकी इस मांग को स्वीकारते हुए उन्हें 16 अगस्त तक का समय दिया है। यह निर्णय उनके न्यायिक हक की सजीवता को महत्वपूर्णीकृत कर सकता है, लेकिन क्या इसके पीछे कुछ और है?

वकीलों के प्रश्न:

कोर्ट द्वारा दी गई मोहलत के निर्णय ने वकीलों को मौका दिया है अपने पक्ष की सुरक्षा के लिए उठाए गए प्रश्नों की ओर दिलचस्पी दिखाने का। क्या यह एक बड़े प्लॉट के हिस्से को उजागर करने की कोशिश है, जो अब तक सामने नहीं आया है? क्या शूटरों की गिरफ्तारी के पीछे की सच्चाई जल्दी ही सामने आने वाली है?

निष्कर्ष:

कोर्ट द्वारा दिए गए निर्णय में छिपी संभावित सच्चाई और वकीलों द्वारा उठाए गए प्रश्नों की ओर इशारा कर सकते हैं कि माफिया ब्रदर्स के हत्या मामले में अधिक घटनाओं की पहली झलक संकेतित हो रही है। क्या इस निर्णय के बाद और भी खुलासे होंगे, यह देखने के लिए हमें अगले दिनों का इंतजार करना होगा।*